आज अपने परिवार के लिए,
मैंने अपना प्यार खो दिया,
आज फिर मेरा दिल,
इस बात पर रो दिया,
एक लड़की जिस दिन का इंतज़ार बरसों से करती है ,
जिसके नाम कि मेहँदी उसके हाथ पे रचती है,
अफ़सोस कि जिसका नाम,
मेरे हाथ पे लिखा है,
ये वो शख्स नहीं,
जिससे मैंने प्यार का मतलब सीखा है,
ये सजावट, ये शोर,
ये दुल्हन का लिबास जो पहना है,
आज किसी और का होकर,
मुझे हर दर्द सहना है,
ये रस्म-ओ-रिवाज कि डोर,
आज बाँध ली अपनी कलाई से,
लिख लिया उसका नाम अपनी ज़िन्दगी पे,
आंसुओं कि स्याही से,
देख तेरे खातिर कर लिया आज मैंने समझौता है,
करती रही इंतज़ार तेरा ,
पर तू अब तक न लौटा है,
वक़्त गुज़र जाएगा,
और ले जायेगी ये डोली मुझे,
ऐ जान आ जा कि आखरी दफा जी भर के देख लू तुझे,
के देख लू तुझे .............
- सिमरन कौर
मैंने अपना प्यार खो दिया,
आज फिर मेरा दिल,
इस बात पर रो दिया,
एक लड़की जिस दिन का इंतज़ार बरसों से करती है ,
जिसके नाम कि मेहँदी उसके हाथ पे रचती है,
अफ़सोस कि जिसका नाम,
मेरे हाथ पे लिखा है,
ये वो शख्स नहीं,
जिससे मैंने प्यार का मतलब सीखा है,
ये सजावट, ये शोर,
ये दुल्हन का लिबास जो पहना है,
आज किसी और का होकर,
मुझे हर दर्द सहना है,
ये रस्म-ओ-रिवाज कि डोर,
आज बाँध ली अपनी कलाई से,
लिख लिया उसका नाम अपनी ज़िन्दगी पे,
आंसुओं कि स्याही से,
देख तेरे खातिर कर लिया आज मैंने समझौता है,
करती रही इंतज़ार तेरा ,
पर तू अब तक न लौटा है,
वक़्त गुज़र जाएगा,
और ले जायेगी ये डोली मुझे,
ऐ जान आ जा कि आखरी दफा जी भर के देख लू तुझे,
के देख लू तुझे .............
- सिमरन कौर
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