Saturday 15 August 2015

Suno Kahaani Veeron Ki...

एक अमर कहानी वीरों की,
आज हमे सुनानी है,
दी थी जिन वीरों ने कुर्बानी,
वो आज़ादी याद दिलानी है,
लहू बहाकर गैरों ने,
बहुत करायी गुलामी है
आखिर जाना पड़ा ये भारत छोड़ ,
आज़ाद भारत की यही कहानी है,
जिन माओं ने वारे अपने बेटे,
उन माओं को भी सलामी है,
आज़ाद हुआ था भारत जिस दिन,
ये १५ अगस्त की कहानी है,
तीन रंगों का मेल तिरंगा,
फहराकर आज़ादी मनानी है,
आओ करे शत-शत नमन वीरों को,
वो स्वतंत्रता सेनानी हैं,
किया खुद को वतन के हवाले,
वो वीर बलिदानी हैं  ……
वो वीर बलिदानी हैं  ……

-सिमरन कौर

Monday 6 April 2015

POETRY- MERA JAHAN EK MUTTHI ASMAAN...

है ज़रूरत नही चाँद  की मुझे,
पाने को अब सितारे ही काफी हैं,
है ज़रूरत नही उस चांदनी की मुझे,
पाने   को बस एक चमक ही काफी है,
ज़रूरत है तो बस एक मुट्ठी आसमान,
सिमटने को जिसके तले,
मेरा जहान काफी है,
है जिन तूफानों से घिरी मेरी कश्ती,
डुबाने को अब मुझे,
 वो लहर काफी है,
ज़िन्दगी के समंदर  में अच्छी तैराक हूँ मैं,
नौका तक पहुँचने में,
 अब बस खुदा की मैहर काफी है............
अब बस खुदा की मैहर काफी है.............


- सिमरन कौर 

Friday 2 January 2015

आओ नए साल में कुछ नयी बात करते हैं......

आओ नए साल में कुछ नयी बात करते  हैं,
कुछ ऐसे नये साल की शुरुवात  करते हैं,
की  छोड़ कर द्धेष और  बैर की भाषा ,
इस प्यार की भाषा से ही प्यार  करते हैं,
हर दिल में  भरते हैं खुशियों की उमंग ,
आओ कुछ ऐसे अच्छे काम से ही ,
नये साल की शुरुवात  करते हैं,
देकर 2014 को अलविदा का पैगाम ,
स्वागत का फरमान देकर ,
आओ नए साल को सलाम करते हैं,
आओ 2015 को सलाम करते है........
आओ 2015 को सलाम करते है........

HAPPY NEW YEAR......

-सिमरन कौर