Thursday 24 July 2014

SOCHO KABHI EK LAMHA AISA

सूनी राह हो,
हाथ तुम्हारा हो,
सन्नाटे की खूबसूरती में,
गूंजता प्यार हमारा हो,
सोचो कभी एक लम्हा ऐसा,
चाहत के सफर पर,
स्वागत हमारा हो,
सूनी राह हो,
और हाथ तुम्हारा हो..............

नीले आसमान के तले,
एक बादल हमारा  हो,
लिखे जो नाम उसपर,
मिटना ना उसको गवारा हो,
गर मिट  भी जाए हवा से बादल,
आसमान में फ़ैल जाए,
ऐसा प्यार हमारा हो,
सोचो कभी एक लम्हा ऐसा,
सूनी राह हो,
और हाथ तुम्हारा हो...........

सुनेहरा  सफर हो,
हर कदम साथ तुम्हारा हो,
हर फूल भी हो गवाह हमारा,
अटूट साथ हमारा हो,
गर कभी ख़त्म हो जाये राह कहीं,
दुआ मेरी बस मेरे मुक़ददर में,
हर जनम साथ हमारा हो,
सिर्फ नाम तुम्हारा हो,
सोचो कभी एक लम्हा ऐसा,
न सूनी कोई राह रहे,
गर सदा मेरे हाथ में,
हाथ तुम्हारा हो.……………
ज़िंदा रहे हर कदम कदम पर,
ऐसा प्यार हमारा हो..........
ऐसा प्यार हमारा हो..........


- सिमरन कौर 

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