एक अमर कहानी वीरों की,
आज हमे सुनानी है,
दी थी जिन वीरों ने कुर्बानी,
वो आज़ादी याद दिलानी है,
लहू बहाकर गैरों ने,
बहुत करायी गुलामी है
आखिर जाना पड़ा ये भारत छोड़ ,
आज़ाद भारत की यही कहानी है,
जिन माओं ने वारे अपने बेटे,
उन माओं को भी सलामी है,
आज़ाद हुआ था भारत जिस दिन,
ये १५ अगस्त की कहानी है,
तीन रंगों का मेल तिरंगा,
फहराकर आज़ादी मनानी है,
आओ करे शत-शत नमन वीरों को,
वो स्वतंत्रता सेनानी हैं,
किया खुद को वतन के हवाले,
वो वीर बलिदानी हैं ……
वो वीर बलिदानी हैं ……
-सिमरन कौर
आज हमे सुनानी है,
दी थी जिन वीरों ने कुर्बानी,
वो आज़ादी याद दिलानी है,
लहू बहाकर गैरों ने,
बहुत करायी गुलामी है
आखिर जाना पड़ा ये भारत छोड़ ,
आज़ाद भारत की यही कहानी है,
जिन माओं ने वारे अपने बेटे,
उन माओं को भी सलामी है,
आज़ाद हुआ था भारत जिस दिन,
ये १५ अगस्त की कहानी है,
तीन रंगों का मेल तिरंगा,
फहराकर आज़ादी मनानी है,
आओ करे शत-शत नमन वीरों को,
वो स्वतंत्रता सेनानी हैं,
किया खुद को वतन के हवाले,
वो वीर बलिदानी हैं ……
वो वीर बलिदानी हैं ……
-सिमरन कौर